■ धीरेन्द्र सिंह, जर्नलिस्ट की facebook वॉल से
जहर ही नहीं मोहब्बत भी फैलाओ दोस्तों।
बोल रहा था कल वो मुझसे हाथ में मेरा हाथ लिए।।
चलते रहेंगे सुख-दुख के हम सारे मौसम साथ लिए।
उसने अपनी झोली से कल प्यार के हमको फूल दिए।।
लौट आए हैं दामन भर के उसकी ये सौग़ात लिए।
रंग डालो तन मन की बगिया, फ़ागुन बन कर आ जाओ।।
बरस पड़ो दिल के आँगन में रंगों की बरसात लिए।।।
हमने अपनी सारी शामें लिख दीं उनके नाम ‘क़तील’
उम्र का लमहा-लमहा बीता उनको अपने साथ लिए।
आपके लिए संदेश...
सोशल मीडिया पर इन दिनों जहर उगल रहे सारे सक्रिय नागों को मोहब्बत के साथ समर्पित।
Sunday, September 10, 2017
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Author: Sadbhavna News verified_user
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