Sunday, October 13, 2019

लोकवाणी (आपकी बात-मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ) : प्रसारण तिथि-13 अक्टूबर, 2019

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एंकर
-    सभी श्रोताओं को नमस्कार, जय जोहार !
-    आज हमारे साथ स्टूडियो में मौजूद हैं, छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी।
-    मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘लोकवाणी’ के तीसरे प्रसारण का विषय है ‘स्वास्थ्य तथा मातृ शक्ति’। जिस पर प्रदेश की जनता के विचार, सुझाव तथा सवाल आमंत्रित किए गए थे। माननीय मुख्यमंत्री जी आपसे रूबरू हैं।
-    हम आकाशवाणी की ओर से, माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी का हार्दिक अभिनंदन करते हैं, स्वागत करते हैं।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
-    दाई-बहिनी, सियान-जवान, लइका जम्मो मन ल जय जोहार।
-    हमर सरकार बने के बाद लगातार सबले जादा ध्यान जेन विषय म दे गे हे, मोर समझ ले ओ विषय ‘मातृ शक्ति’ हे।
-    तीजा, हरेली के छुट्टी होगिस, तिहार ल अब्बड़ उत्साह ले मनाएन। इही महीना नवरात्र होगे।
-    हमर प्रदेश के चारो मुड़ा दंतेश्वरी मैया, बम्लेश्वरी मैया, चन्द्रहासिनी दाई, महामाया दाई, गांव-गांव म शीतला मैया, देवी के नौ स्वरूप के पूजा-पाठ होविस। कुंवारी कन्या मनके पूजापाठ अउ भोज म जम्मो झन के सहयोग ले अब्बड़ सुन्दर वातावरण बनिस।
-    गांव-गांव म रामलीला होइस। बस्तर दशहरा के छठा बगरिस। देश-दुनिया के मनखे मन हमर छत्तीसगढ़ी लोक-संस्कृति ले जुड़थन।
-    शरद पूर्णिमा हे। रात म अमृत बरस ही अउ रामधुनी चलही।
-    एकर बाद लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा, मातर, भाईदूज घलोक आही।
-    ए पूरा सिलसिला ल देखव, के कइसे हमर संस्कृति के सुरता करे म, उत्थान करे म, बिकास करे म, हमर मातृ शक्ति जागृत होथे।
-    इही मातृ-शक्ति के मान-सम्मान अउ बढ़ोत्तरी बर हमन, शासन- प्रशासन म सेवा भावना के संचार करथ हन।
-    मातृ शक्ति ल मोर डाहर ले, अउ हमर सरकार के डाहर ले, घलोक सत्-सत् नमन करत हवं।
एंकर
    माननीय मुख्यमंत्री जी, सबसे पहले हम आपको अपने कुछ श्रोताओं की भावनाओं से अवगत कराना चाहते हैं।
    ये है दंतेवाड़ा जिले की रमिता की आवाज।
    (पटेलपारा, दंतेवाड़ा से मैं रमिता बोल रही हूं। मैं एक शिशुवती माता हंू। हमारे गांव में सुपोषित अभियान जुलाई माह से चल रहा है, जो गर्भवती माताओं एवं शिशुवती माताओं के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे स्वास्थ्य में सुधार होगा। स्वस्थ रहेंगे, कमजोर नहीं रहेंगे। हमारे इधर बच्चे बहुत कुपोषित हैं। महिला भी बहुत कमजोर रहते हैं। वो बार-बार बीमार पड़ते-रहते हैं। सुपोषण अभियान आने के बाद हमें एक समय का बढ़िया गरम भोजन मिलता है। जिसमें अंडा, चना, गुड़, चना, फल्ली के लड्डू होता है, रोटी-सब्जी सभी प्रकार के पौष्टिक आहार होते हैं। यहां पर स्वास्थ्य जांच होता है, खून जांच होता है। दीदी लोग बताते हैं कि हम लोगांे को कैसे स्वस्थ रहना है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद इस योजना को बनाने के लिए।
एंकर
    माननीय मुख्यमंत्री जी, अब सुनिये सीतामणी से श्रीमती सोनकुंवर चौहान की बात।
    (मैं श्रीमती सोनकुंवर मातृशक्ति एवं स्वास्थ्य के बारे में कुछ बोलना चाहती हूं। माननीय भूपेश बघेल ल जय जोहार। जेखर द्वारा चलाये गये अभियान नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी म हमर छत्तीसगढ़ म बहुत बढ़िया प्रभाव देखे बर मिलत हे। एकर जतका बखान करबे ते कम हे। मातृशक्ति यानी दाई के ताकत नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी योजना म महिला मन अपन गोड़ म खड़े होत हवय। नरवा के पानी ले बारी म साग-सब्जी भाजी अउ दुकाल म धान के खेती खूब करत हे। पानी के कमी नई हे। गरवा के गोबर ले खातू बनत हे। बिना दवाई के अच्छा धान लेवत हे अउ कमात हे। कई जगा के महिला मन गौमूत्र के व्यापार भी करत हे। कानून व्यवस्था, जब ले भूपेश बघेल जी के सरकार आये हे, तब ले महतारी बहिनी मन के अंदर डर खतम हो गे हवय। नोनी मन रात बिकाल के काम करके घर आवत हे। महिला अत्याचार ह प्रदेश ले खतम होवत हे। स्वच्छता, आज गांव शहर म हमर दीदी बहिनी मन साफ-सफाई गली सफाई अउ नरवा तालाब सफाई, रोड सफाई, घर सफाई म बढ़ चढ़ के भागीदार निभावत हे। एखर ले बहिनी-दीदी मन स्वस्थ होवत हे। लइका के स्वास्थ्य म सुधार होवत हे। गली-सड़क म अब साफ-सफाई देखे बर मिल जात हे। भूपेश बघेल जी, महिला मनके ए योजना ह पूर भारत म रोसन करही।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
-    दंतेवाड़ा की रमिता बहन, सीतामणी की सोनकुंवर बहन, मैं समझ सकता हूं कि आकाशवाणी के माध्यम से अपनी आवाज मुझ तक पहुंचाने के लिए आप लोगों को कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी।
-    आप लोगों की आवाजें सिर्फ हमारी दो बहनों की आवाजें नहीं हैं। बल्कि पूरे प्रदेश की मातृ शक्ति की आवाजें हैं।
-    आप लोगों को सुनकर, बहुत खुशी हुई कि आप लोग हमारी सरकार के काम-काज को काफी बारीकी से देख रही हैं, समझ रही हैं, इसमें शामिल हो रही हैं। अच्छी बातों की सराहना भी खुले दिल से कर रही हैं।
-    निश्चित तौर पर इससे हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। हमें और भी अधिक लगन से काम करने की ताकत मिलती है।
-    आप लोगों का शुक्रिया अदा करने के लिए मेरे पास शब्द कम पडे़ंगे। इसलिए मैं आप लोगों से सिर्फ आशीर्वाद देने का निवेदन करता हूं, ताकि हम, आप लोगों की अपेक्षा के अनुरूप काम करते हुए आगे बढ़ सकें।
एंकर
     माननीय मुख्यमंत्री जी, अब हम आते हैं सीधे सवालों पर। जशपुर जिले से हेमंत कुमार, ग्राम अमलेश्वर-जिला दुर्ग से डोमन ठाकुर, ग्राम सनगरा-जिला सूरजपुर से प्रेम रजवाड़े, ग्राम सुलसुली-जिला बालोद से कैलाश यदु, जिला कबीरधाम से कमलकांत गुप्ता और जिला कोरिया से सतीश उपाध्याय सहित अनेक श्रोताओं ने जानना चाहा है कि कुपोषण और एनीमिया के उपचार के लिए अभियान चलाने का उद्देश्य क्या है और इसका लाभ किसको मिलेगा ?
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
-    बहुत अच्छा सवाल है, जिसे गहराई से समझने की जरूरत है।
-    सोचिए कि जब हमारी बेटी का विवाह होता है और खुशखबरी की बात होती है। तब यह पता चले कि आने वाली संतान के जन्म में बहुत सारी समस्याएं हैं।
-    पहली समस्या यह है कि गर्भवती मां शारीरिक रूप से, खून की कमी के कारण बेहद कमजोर है और संतान जन्म के समय जच्चा-बच्चा दोनांे का जीवन खतरे में पड़ सकता है तो आपके दिल पर क्या बीतेगी ?
-    सास-ससुर, नाना-नानी, दादा-दादी, दामाद, माता-पिता, भाई-बहन, बुआ-मौसी, मामा-मामी अनेक रिश्ते, इस नए मेहमान के आने की उम्मीद से बेहद खुश हों और कोई बुरी खबर आकार ले रही हो, तो सबके दिल पर क्या बीतती है।
-    हमारी सरकार भी आप लोगों के साथ इसी तरह के रिश्ते-नातों में बंधी हुई है। इसलिए मेरे मन में यह बात थी कि हमारी पहली प्राथमिकता जच्चा और बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के अलावा कुछ हो ही नहीं सकती।
-    आप अरबांे-खरबों रूपए के निर्माण कार्यों की दुहाई देकर इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकते कि बहू-बेटी का प्रसव सुरक्षित हो।
-    इसलिए हमने, इस आंकड़े पर गौर किया कि छत्तीसगढ़ में 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
-    18 साल से, कम से कम 35 साल तक की उम्र तक आमतौर पर गर्भवती माताओं के रूप में महिलाओं को बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है।
-    इसलिए यदि 15 से 49 वर्ष तक की महिलाओं में खून की कमी होगी, तो वे अपने परिवार की इस सबसे बड़ी जिम्मेदारी को कैसे निभा पाएंगी।
-    और अगर माता ही कुपोषित है, खून की कमी की शिकार है तो वह किस प्रकार से स्वस्थ शिशु को जन्म देगी। यही वजह है कि 5 वर्ष से कम आयु के 37.5 प्रतिशत बच्चे कुपोषित रह जाते हैं।
-    और इस तरह हमारा बचपन ही कमजोर छोड़ दिया जाता है।
-    अर्थात जिस नींव पर, जिस बुनियाद पर परिवार, प्रदेश और देश की इमारत खड़ी होनी है, उस इमारत को कमजोर छोड़कर आप कैसे मजबूत प्रदेश और मजबूत भारत की बातें कर सकते हैं।
-    हमारी सरकार ने आते ही बस्तर सहित प्रदेश की कुछ पंचायतों में यह प्रयोग करके देखा कि आखिर समस्या कहां है।
-    परिवार में है, समाज में है या सरकार में है।
-    हम यह देखकर चकित रह गए कि समस्या का बड़ा हिस्सा सरकार यानी शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली में ही था।
-    समुदाय की समुचित भागीदारी के बिना, स्थानीय जनता की रूचि और मर्जी के बिना, स्थानीय पोषण सामग्री के उपयोग के बिना, आखिर आप किस तरह से पोषण का काम कर रहे थे।
-    इसलिए हमने पूरक पोषण आहार देने की व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव करने की जरूरत पर बल दिया।
-    हितग्राही और समुदाय की भागीदारी पर बल दिया।
-    पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता का आकलन किया और इस तरह यह निर्णय लिया गया है कि पूरे प्रदेश में ‘सुपोषण अभियान’ को नए तरीके से चलाया जाए, जिसकी शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर की गई।
एंकर
    माननीय मुख्यमंत्री जी, बिल्हा-बिलासपुर से रमऊ राम जगत, जशपुर से अवधेश पंडा, बेमेतरा से वीरेन्द्र साहू और कई साथी यह पूछ रहे हैं कि कुपोषण, एनीमिया और टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सरकारी विभागों की संरचना किस प्रकार से है और इसमें सुधार के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं ?
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
-    साथियों, आपकी जिज्ञासा सही है। वास्तव में जब आप सतही तौर पर देखते हैं, तो आपको लगता है कि यह काम या तो स्वास्थ्य विभाग का है या महिला एवं बाल विकास विभाग का है।
-    पूर्व में विभिन्न विभागों द्वारा समन्वित प्रयास नहीं किए जाने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। इसलिए हमने एक समन्वित प्रयास करने के लिए इसमें प्रत्यक्ष रूप से 9 विभागों को शामिल किया है और अप्रत्यक्ष रूप से सभी विभागों की, कोई न कोई भूमिका सुनिश्चित कर रहे हैं।
-    उदाहरण के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग समुचित जांच करके हितग्राही बच्चों तथा महिलाओं का चिन्हांकन करेगा। हितग्राहियों को आवश्यक दवा, आयरन फोलिक एसिड, कृमि नाशक दवा तथा परामर्श सेवा देगा।
-    पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग विभिन्न एजेन्सियों तथा महिला स्व-सहायता समूहों के समन्वय से पौष्टिक आहार तैयार करने और ग्राम पंचायतों के माध्यम से हितग्राहियों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेगा।
-    नगरीय प्रशासन विभाग, शहरी क्षेत्रों में इसी प्रकार की मदद करेगा।
-    खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग गेहूं, चावल, फोर्टिफाइट नमक, ईंधन आदि की व्यवस्था करेगा।
-    शिक्षा विभाग 15 से अधिक आयु की बेटियों की स्वास्थ्य जांच कर एनीमिया पीड़ितों की सूची तैयार करने में, आहार-परिवर्तन के बारे में जागरूकता लाने आदि का काम करेगा।
-    उद्यानिकी विभाग हितग्राही परिवारों को आयरनयुक्त सब्जी-भाजी, बीज-पौधे वितरित करने के साथ, घर-घर में, सुपोषित बाड़ी बनाने में मदद करेगा।
-    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, शुद्ध पेयजल और स्वच्छता के लिए काम करेगा।
-    खनिज विभाग सुपोषण के लिए डी.एम.एफ. की राशि विभिन्न जिलों में उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेगा।
-    उद्योग विभाग जनभागीदारी, पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर से वित्तीय और तकनीकी सहयोग हासिल करने की दिशा में प्रयास करेगा।
-    जिला प्रशासन क्रियान्वयन में मुख्य भूमिका निभाएगा।
-    महिला एवं बाल विकास विभाग, नोडल विभाग की हैसियत से काम करेगा, साथ ही पूरक पोषण आहार की व्यवस्था करेगा।
-    आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम बनाएगा। पूरक पोषण आहार में दोहराव न हो, इसका ध्यान रखेगा।
-    राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मूल्यांकन समिति काम करेगी।
एंकर
     माननीय मुख्यमंत्री जी, अब एक सवाल सुन लेते हैं, जो खैरागढ़-जिला राजनांदगांव से मोहम्मद नासिर का है।
    (मैं मोहम्मद नासिर मेमन, खैरागढ़ से बोल रहा हूँ। मेरा आपके इस लोकप्रिय कार्यक्रम ‘लोकवाणी’ मुख्यमत्री जी से सवाल-जवाब के कार्यक्रम में मैं आपका आभारी हूँ कि आपने मुझे अवसर दिया। मेरा माननीय मुख्यमंत्री जी को जय-जोहार। मेरा उनसे निवेदन है, आग्रह है कि खैरागढ़ स्वास्थ्य केन्द्र जो है। यहां पर सिविल हॉस्पिटल होने के बावजूद यहां बहुत सारी कमियां है, इस हॉस्पिटल में।  यह हॉस्पिटल सन् 1936 में किंग जार्ज सिल्वर जुबली हॉस्पिटल के नाम से इसकी स्थापना हुई थी। यहां पर बहुत सारी सुविधाओं का अभाव है। यहां तीन डॉक्टर के भरोसे, इतना बड़ा हॉस्पिटल चल रहा है। छत्तीसगढ़ की कई जगहों पर नये स्वास्थ्य केन्द्र बन चुके हैं लेकिन खैरागढ़ ही एक ऐसा स्थान है जहां अभी तक कोई दूसरा स्वास्थ्य केन्द्र नहीं बना है। और सन् 1947 में यहां पर एक्सरे की स्थापना हुई थी। जो कि छत्तीसगढ़ में प्रथम एक्सरे मशीन यहां लगाई गई थी। किंतु आज बहुत दयनीय स्थिति है। यहां पर बहुत सारे अभाव हैं। जनरल वार्ड सिर्फ 36 है, जबकि 100 बिस्तर का अस्पताल यहां बनना था। लेकिन आज तक नहीं बन पाया। मेरा माननीय मुख्यमंत्री जी से यह निवेदन है कि इस दिशा पर अवश्य कोई कदम उठायंे और खैरागढ़ की जनता को इसका लाभ मिले। अभी जो शासन द्वारा कुपोषण को लेकर जो जागरूता बताई गयी है और माननीय मुख्यमंत्री जी, जो सर्तकता दिखा रहें है। उसके लिये मैं उनको बहुत-बहुत बधााई देता हूँ। किन्तु खैरागढ़ में जो पोषण केन्द्र है, जिसके लिये पोषण पुनर्वास केन्द्र बनाया गया है, जो सीपेज होने के कारण बन्द पड़ा है। माननीय मुख्यमंत्री जी से मेरा निवेदन है कि यहां पर सुविधायें प्रदान करने की कृपा करें। धन्यवाद, जय हिंद, जय छत्तीसगढ़)
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
-    नासिर भाई, आपका बहुत धन्यवाद कि आपने खैरागढ़ के ऐतिहासिक अस्पताल के बारे मंे इतने विस्तार से बताया।
-    आपका जिला तो वी.वी.आई.पी. जिला रहा है। खैरागढ़ को हम प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी मानते हैं। और वहां स्वास्थ्य सुविधाओं का इतना बुरा हाल है, यह जानकर मुझे बहुत दुःख हुआ।
-    मैं खैरागढ़वासियों को यह बताना चाहता हूं कि नासिर भाई ने अस्पताल में सीपेज की जिस समस्या का जिक्र किया है, उस पर हमने तत्काल कदम उठा लिए हैं।
-    आप चिंता न करें। बहुत जल्दी ही यह केन्द्र शुरू हो जाएगा।
-    और यह भी कहना चाहता हूं कि आपके यहां 50 बिस्तर का अस्पताल खोला जाएगा।
-    इस कार्यक्रम के माध्यम से, मैं पूरे प्रदेश के लिए यह कहना चाहता हूं कि ‘पोषण पुनर्वास केन्द्र’ में कहीं भी कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए।
-    मरम्मत जैसी कोई समस्या हो, तो इसका हल एक माह के भीतर कर लिया जाए, इसके बाद भी कोई शिकायत आएगी, तो संबंधित जिलों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
-    जहां तक 100 बिस्तर अस्पताल का सवाल है, तो पहले किसकी उपेक्षा के कारण खैरागढ़वासियों को इतना कष्ट झेलना पड़ा। इसके बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता, लेकिन हम इस पर गंभीरता से विचार करेंगे।
-    प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना के लिए हमने बड़ा कार्यक्रम बनाया है, जिसके तहत प्रदेश में 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 25 उप स्वास्थ्य केन्द्र, जगदलपुर, रायगढ़ जिला चिकित्सालय में ट्रामा यूनिट, बिलासपुर में बर्न यूनिट आदि के लिए बजट प्रावधान किए गए हैं। बिलासपुर तथा जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में मल्टी स्पेश्यालिटी हास्पिटल की सुविधा दी जाएगी।
-    हमारा लक्ष्य पूरे प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन करना है।
-    अस्पतालों में अमला बढ़ाने के लिए सैकड़ों नए पद स्वीकृत किए गए हैं।
एंकर
     माननीय मुख्यमंत्री जी, साजा-जिला बेमेतरा से गुलाब राम साहू, देवेन्द्र चन्द्राकर, बलौदाबाजार से नोहर लाल साहू, रायपुर से उमेश बंजारे, रवि कुमार, गुणसार प्रधान सहित अनेक साथियों का कहना है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण तो हो रहा है, लेकिन भर्ती पर रोक लगा दी गई है। भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने का निवेदन इन्होंने किया है।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
-    सवाल करने के लिए धन्यवाद, लेकिन मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि हमारी सरकार ने सभी तरह की भर्तियों से रोक हटाई है और बड़े पैमानों पर विभिन्न विभागों में भर्ती की जा रही है।
-    स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लगभग 1200 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
-    108 विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती संविदा से की गई है।
-    345 डॉक्टरों की नियमित भर्ती की गई है, जबकि 122 डॉक्टरों की संविदा भर्ती की जाएगी।
-    अन्य 400 डॉक्टरों की भर्ती वर्षान्त तक कर ली जाएगी। इस तरह हम वर्ष 2019 में 975 डॉक्टरों की भर्ती पूरी कर लेंगे।
-    687 स्टॉफ नर्सों की भर्ती हो चुकी है, 941 की भर्ती की प्रक्रिया जारी है।
-    228 लैब टेक्निशियन तथा 21 रेडियोग्राफर की भर्ती भी इस साल पूरी हो जाएगी।
-    इस तरह राज्य में चिकित्सा अमला तेजी से बढ़ाया जा रहा है।
-    जिन स्थानों में स्वास्थ्य अधोसंरचना उपलब्ध नहीं है, वहां के निवासियों को इलाज से वंचित न होना पड़े। इसके लिए हमने ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना’ तथा ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम योजना’ की शुरूआत कर दी है।
-    इन दो योजनाओं के माध्यम से हम प्रत्येक बस्तियों और बसाहटों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रहे हैं, ताकि अस्पताल की सुविधाएं उन सभी लोगों तक पहुंचा दी जाए, जो इससे छूट गए हैं।
-    इसके अलावा सार्वभौम पी.डी.एस. के माध्यम से सबको सस्ता अनाज, जरूरतमंदों को मिट्टी का तेल, आदिवासी अंचलों में नमक, चना तथा बस्तर में गुड़ आदि सुचारू रूप से प्रदान करने की व्यवस्था की है।
-    इतना ही नहीं शहरों में ‘मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना’ भी शुरू कर दी है। जिसका मकसद है नगर-निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में होने वाले कार्यों के लिए जनता को मुख्यालय तक न जाना पड़े, बल्कि अपने वार्ड स्थित कार्यालय में सबकी समस्या का हल हो जाए।
-    इससे शहरी बस्तियों के लोगों को, अपने पोषण और स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए अधिक समय मिलेगा।
एंकर
    माननीय मुख्यमंत्री जी, इसी माह के अंत में दीवाली भी है, जो रोशनी और समृद्धि का त्यौहार है। आप श्रोताओं को क्या संदेश देना चाहेंगे।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
-    हमारे यहां दीवाली एक दिन का त्यौहार नहीं, बल्कि त्यौहारों की एक श्रृंखला है। पूरा सिलसिला है।
-    करवाचौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत करती हैं।
-    धनतेरस-भगवान धन्वंतरी की पूजा और स्वास्थ्य-धन की कामना का,  रूप चौदस-स्वच्छता का परम्परागत त्यौहार है।
-    दीवाली, लक्ष्मी पूजा के साथ अच्छाई की जीत के प्रतीक तथा भगवान राम की वनवास से वापसी का विजय उत्सव है।
-    हमारे यहां गौरा-गौरी, गोवर्धन पूजा और मातर-भाईदूज के साथ पड़की-सुवा और राउत नाचा से दीवाली के रंग चटख होते हैं।
-    इसीलिए हमने गौरा-गौरा उत्सव और गोवर्धन पूजा को ‘गौठान दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
-    इन सब पर्व-त्यौहारों का छत्तीसगढ़ की माटी से अपना विशेष और गहरा नाता है।
-    मैं चाहूंगा कि आप लोग त्यौहारों को पारिवारिक आनंद का प्रसंग बनाएं।
-    पटाखों से होने वाले प्रदूषण से अपने गांव, शहर और परिवार को बचाएं।
-    बीमार, बुजुर्ग, छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखें। सुरक्षित रहकर त्यौहार का आनंद लें।
-    एक बार फिर आप सबको त्यौहारों की बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
-    एक विशेष जानकारी देना चाहता हंू 27, 28 एवं 29 दिसम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी नृत्य महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें विकासखंड स्तर पर प्रतियोगिता होगी। चुने हुए नृत्य दल जिला व राज्य स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।
-    इससे ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलेगा।
-    साथ ही पूरे देश से आए आदिवासी नृत्य दलों का प्रदर्शन भी होगा, जो छत्तीसगढ़ को सांस्कृतिक तौर पर पूरे देश और दुनिया से जोड़ेगा।
-    आप लोग इसकी तैयारी शुरू कर दें।
एंकर
     माननीय मुख्यमंत्री जी, आपको भी हम सबकी तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
-    अब लोकवाणी का आगामी प्रसारण 10 नवम्बर 2019 को होगा। विषय है ’’नगरीय विकास का नया दौर’’। इस विषय पर हमारे श्रोता अपने विचार 28, 29 और 30 अक्टूबर के बीच रख सकेंगे। पहले की तरह ही दोपहर 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकार्ड करा सकते हैं। फोन नम्बर है-0771-2430501, 2430502 और 2430503 और इसी के साथ ये कार्यक्रम यहीं सम्पन्न होता है।
जय जोहार-नमस्कार।

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