Tuesday, August 26, 2025

वर्ल्ड कप-2021 में युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने क्यों आए थे एमएस धोनी? सचिन तेंदुलकर ने खोल दिया बरसों पुराना राज

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 वर्ल्ड कप-2021 में युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने क्यों आए थे एमएस धोनी? सचिन तेंदुलकर ने खोल दिया बरसों पुराना राज


वनडे वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में भारत ने श्रीलंका को हरा खिताब अपने नाम किया था। इस मैच में एमएस धोनी युवराज सिंह से पहले बैटिंग करने आए थे। इसे लेकर सचिन तेंदुलकर ने खुलासा किया कि धोनी क्यों युवराज से पहले बैटिंग करने आए थे और किसके कहने पर ऐसा किया गया था।

एमएस धोनी की कप्तानी में भारत बना था विश्व विजेता

 मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप-2011 के फाइनल में भारत ने श्रीलंका को मात दी। इस मैच में भारत के कप्तान एमएस धोनी ने फिनिशिंग छक्का मार खिताब उठाया था। धोनी इस मैच में अपने रेग्यूलर नंबर पर नहीं आए थे। वह युवराज सिंह की जगह पांच नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था। हालांकि, ये फैसला असरदार साबित हुआ था। अब इस फाइनल के 14 साल बाद सचिन तेंदुलकर ने बताया कि धोनी क्यों युवराज से पहले बैटिंग करने आए थे।


धोनी ने इस मैच में 91 रनों की पारी खेली थी और गौतम गंभीर के साथ विजयी साझेदारी की थी। युवराज उस वर्ल्ड कप में दमदार फॉर्म में थे जबकि धोनी का बल्ला चल नहीं रहा था। इसलिए ये सवाल उठाए गए थे कि धोनी ने इन फॉर्म बल्लेबाज की जगह खुद को क्यों भेजा।


सचिन ने बताया सच

सचिन ने ही ये सुझाव दिया था कि युवराज सिंह की जगह धोनी को जाना चाहिए। अब उन्होंने इसके पीछे की वजह बताई है। सचिन ने रीएडिट के एक सेशन में हिस्सा लिया जिसमें उनसे कुछ भी सवाल पूछे जा सकते थे। यहां एक यूजर ने उनसे पूछा, "सचिन, वीरू (वीरेंद्र सहवाग) ने बताया था कि वर्ल्ड कप के फाइनल में युवराज की जगह धोनी को भेजने का आइडिया आपका था। क्या ये सच है और इसके पीछे की क्या वजह है?

सचिन ने इसका जवाब देते हुए बताया, "इसके पीछे दो कारण थे। पहला था राइट और लेफ्ट संयोजन उनके दो ऑफ स्पिनरों को परेशान कर सकता था। साथ ही मुरलीधरन चेन्नई सुपर किंग्स में धोनी के साथ खेले थे। धोनी ने उन्हें तीन सीजन नेट्स में खेला था।"

भारत के काम आई सलाह

मुरलीधरन के साथ तिलकरत्ने दिलशान भी गेंदबाजी कर रहे थे और उन्होंने ही विराट कोहली को आउट किया था जिनके बाद धोनी आए थे। सचिन की ये सलाह भारत के काम आई और धोनी ने 91 रनों की पारी खेल भारत को 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कर दिलाया। धोनी का वो आखिरी छक्के आज भी भारतीय फैंस को याद है जिसने भारत को खिताब दिलाया था।
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