शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री को लगेंगे पंख, 70 हजार करोड़ का पैकेज मंजूर; चीन को मिलेगी टक्कर
पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को मजबूती देने के लिए 69725 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। इस रकम में शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड और शिपबिल्डिंग डेवलपमेंट स्कीम शामिल हैं। माना जा रहा है कि इस फैसले से भारत में निवेश के दरवाजे खुलेंगे और भारत वैश्विक जहाज निर्माण दिग्गजों की कतार में खड़ा होगा।

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पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इस दौरान कैबिनेट ने देश के जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को और मजबूती प्रदान करने के लिए 69,725 करोड़ रुपये की बड़ी योजना को मंजूरी दी।
दरअसल, इस रकम में 24,736 करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस, 25,000 करोड़ रुपये मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड और साथ ही 19000 करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग डेवलपमेंट स्कीम के लिए प्रदान किए गए।
निवेश के खुलेंगे द्वार
माना जा रहा है कि कैबिनेट के इस फैसले के बाद भारत में निवेश के दरवाजे खुलेंगे। चूंकि शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में वर्तमान में चीन, जापान और कोरिया का दबदबा है। कैबिनेट का ये फैसला भारत को वैश्विक जहाज निर्माण दिग्गजों की कतार में खड़ा करने में काफी मदद करेगा।
दरअसल, इस रकम में 24,736 करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस, 25,000 करोड़ रुपये मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड और साथ ही 19000 करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग डेवलपमेंट स्कीम के लिए प्रदान किए गए।
निवेश के खुलेंगे द्वार
माना जा रहा है कि कैबिनेट के इस फैसले के बाद भारत में निवेश के दरवाजे खुलेंगे। चूंकि शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में वर्तमान में चीन, जापान और कोरिया का दबदबा है। कैबिनेट का ये फैसला भारत को वैश्विक जहाज निर्माण दिग्गजों की कतार में खड़ा करने में काफी मदद करेगा।
केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जहाज निर्माण को गहन पूंजी की आवश्यकता है। ऐतिहासिक रूप से केवल वे देश ही जहाज निर्माण उद्योग को बचा पाएं हैं, जिन्होंने इस उद्योग को पर्याप्त समर्थन दिया है।
पीएम मोदी ने इस पैकेज को बताया परिवर्तनकारी
पीएम मोदी ने इस पैकेज को समुद्री आत्मनिर्भरता के लिए एक परिर्वतनकारी कदम करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे 4.5 मिलियन सकल टन भार क्षमता का सृजन होगा और रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह पहल रणनीतिक स्वतंत्रता, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण और समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने, भारत के भू-राजनीतिक लचीलेपन को मजबूत करने और विकसित समुद्री क्षेत्र के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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