एक महान तेज गेंदबाज की उपलब्धियां जो चीफ सेलेक्टर बनने के बाद विवादों की जद में आईं
अक्टूबर 1998 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले अगरकर ने 26 टेस्ट, 191 वनडे और 4 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने टेस्ट औ ...और पढ़ें

48 साल के हुए अजीत अगरकर। फोटो- बीसीसीआई
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। 4 दिसंबर 1977 को जन्मे पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज और वर्तमान बीसीसीआई चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। मुंबई क्रिकेट के एक प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज अगरकर का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग एक दशक लंबा करियर रहा। हालांकि, अब उनके पीछे विवादों की एक लंबी कतार लग गई है।
अक्टूबर 1998 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले अगरकर ने 26 टेस्ट, 191 वनडे और 4 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने टेस्ट और वनडे में उल्लेखनीय प्रदर्शन करके अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। साथ ही 2007 में पहले टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की शानदार जीत का हिस्सा भी रहे।
अगरकर ने गेंदबाजी के अलावा एक आक्रामक बल्लेबाज की भूमिका निभाई। लगातार विकेट हासिल किए और प्रभाव छोड़ा। उन्होंने 27.85 की औसत और 5.07 की इकॉनमी रेट से वनडे में 288 विकेट लिए, जिसमें 42 रन देकर 6 विकेट लेना उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी शामिल है।
अगरकर ने घरेलू स्तर पर मुंबई का प्रतिनिधित्व किया और इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्ली कैपिटल्स के लिए भी खेले। फिलहाल वह बीसीसीआई चयन समिति के अध्यक्ष हैं।
अजीत अगरकर की उपलब्धियां-
2003 का एडिलेड टेस्ट मैच राहुल द्रविड़ की 233 और नाबाद 72 रनों की ऐतिहासिक पारियों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह अगरकर ही थे जिन्होंने तीसरी पारी में 41 रन देकर 6 विकेट लेकर मैच को भारत की तरफ मोड़ दिया था।
बल्ले से कमजोर रहे अगरकर ने 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए टेस्ट मैच में अपनी स्वाभाविक स्ट्रोक लगाने की क्षमता का परिचय देते हुए एक जुझारू शतक जड़ा। उनकी 109 रनों की पारी ने भारत को मैच ड्रॉ कराने का एक सुनहरा मौका दिया, लेकिन मेहमान टीम 170 रनों से हार गई।
288 विकेटों के साथ अगरकर अब भी वनडे में भारत के तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। वह केवल दिग्गज अनिल कुंबले (334) और जवागल श्रीनाथ (315) से पीछे हैं।
भारत के लिए सबसे तेज 50 वनडे विकेट लेने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। अगरकर ने यह उपलब्धि सिर्फ 23 मैच में हासिल की।
दिसंबर 2000 में, अगरकर भारत के लिए वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे तेज अर्धशतक बनाने वाले खिलाड़ी बने, उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ सिर्फ 21 गेंद में यह उपलब्धि हासिल की।
अजीत अगरकर के प्रमुख विवाद-
मुख्य चयनकर्ता के रूप में अगरकर का कार्यकाल विवादों से भरा है। टीम के उम्रदराज महान खिलाड़ी मैदान से बाहर चले गए और कई युवा खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
2 आईसीसी प्रतियोगिताओं- 2024 टी20 विश्व कप और 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी- में जीत हासिल करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि रही है, लेकिन इस बीच कई निराशाएं भी हाथ लगीं।
अगरकर के चयनकर्ता और गौतम गंभीर के कोच रहते हुए ही भारत को पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में 3-0 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी टीम 2-0 से हार गई थी।
ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारत की 1-3 से हार के दौरान भी अगरकर और उनकी चयन समिति की आलोचना हुई थी। इस नतीजे ने कंगारुओं के खिलाफ भारत की एक दशक पुरानी जीत का सिलसिला तोड़ दिया।
इस अवधि में रविचंद्रन अश्विन, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे महान खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। अगरकर-गंभीर की जोड़ी पर जल्दबाजी में संन्यास लेने का आरोप लगाया गया। रोहित को वनडे की कप्तानी से हटा दिया गया और हार्दिक पांड्या की लीडरशिप क्वालिटी खत्म कर दी।
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