Kingdom की रिलीज से पहले ही कंट्रोवर्सी में फंसे Vijay Deverakonda, शिकायत पर सामने आया बयान
Vijay Deverakonda अपनी नई फिल्म को लेकर चर्चा में हैं। इस बीच उनके आदिवासी समुदाय पर दिए बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है। मामला बढ़ने पर किंगडम स्टार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था और खेद जताया है। विजय ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखकर विवाद को शांत करने की कोशिश की है।

साउथ सिनेमा के फेमस एक्टर विजय देवरकोंडा (Vijay Deverakonda) इन दिनों अपनी एक टिप्पणी को लेकर विवादों में हैं। यह टिप्पणी उन्होंने हाल ही में हैदराबाद में आयोजित फिल्म ‘रेट्रो’ (Retro Movie) के ऑडियो लॉन्च इवेंट के दौरान दी थी। कार्यक्रम में कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया। यहां तक कि अनुसूचित जनजातियों से संबंधित लोगों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी।
इस विवाद के बाद विजय देवरकोंडा ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट साझा कर सफाई दी और दिल से माफी मांगी। उन्होंने साफ किया कि उनका किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।
विजय देवरकोंडा ने दी बयान पर सफाईअपने पोस्ट में विजय देवरकोंडा ने लिखा, "अभी मुझे पता चला कि रेट्रो ऑडियो लॉन्च के दौरान मेरे एक बयान ने कुछ लोगों के बीच चिंता और नाराजगी पैदा कर दी है। मैं दिल से कहना चाहता हूं कि मेरा किसी भी समुदाय, खासकर अनुसूचित जनजातियों, को ठेस पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं था। मैं उनका सम्मान करता हूं और उन्हें भारत की समृद्ध संस्कृति का अभिन्न हिस्सा मानता हूं।"
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एकता और भाईचारे की बात कर रहे थे देवरकोंडा
अभिनेता ने आगे लिखा, "मैं केवल यह कह रहा था कि हम सभी भारतीय एक हैं, और हमें एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए। मेरा संदेश यही था कि देश की एकता बनी रहे और हम सभी एक-दूसरे को अपने भाई-बहनों की तरह देखें।" उन्होंने कहा कि उनकी बातों को गलत संदर्भ में लिया गया और उन्होंने 'आदिवासी' शब्द का इस्तेमाल ऐतिहासिक और शाब्दिक अर्थ में किया था।
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Photo Credit- X
कश्मीर पर बोलते हुए हुई थी टिप्पणीइस विवाद की शुरुआत तब हुई जब देवरकोंडा ने कश्मीर की स्थिति पर बात करते हुए कहा, "कश्मीर भारत का हिस्सा है और कश्मीरी हमारे अपने हैं। जो आतंकवाद में लिप्त हैं, उन्हें शिक्षा देकर सही राह दिखानी चाहिए। पाकिस्तान की हालत खुद ही ऐसी है कि वहां के लोग अपनी सरकार से परेशान हैं। वे आज भी बिना समझदारी के ऐसे लड़ रहे हैं जैसे 500 साल पहले के आदिवासी।"
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