Monday, October 6, 2025

भारत को होंगे दो तरह के फायदे', पाकिस्तान को JF-17 फाइटर जेट इंजन देने की खबरों पर बोले रूसी एक्सपर्ट

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 भारत को होंगे दो तरह के फायदे', पाकिस्तान को JF-17 फाइटर जेट इंजन देने की खबरों पर बोले रूसी एक्सपर्ट


रूसी रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर रूस पाकिस्तान को JF-17 लड़ाकू विमानों के लिए RD-93 इंजन की आपूर्ति करता है तो इससे भारत को फायदा होगा। विशेषज्ञों के अनुसार यह दर्शाता है कि चीन और पाकिस्तान अभी तक रूसी इंजन का विकल्प नहीं ढूंढ पाए हैं। इसके अतिरिक्त नया विमान भारत के लिए परिचित होगा खासकर तब जब भारत ने पहले भी JF-17 का परिचालन देखा है।



रूसी फाइटर जेट जेएफ-17 के इंजन पाकिस्तान को देने की खबरों पर तनातनी।


 रूसी रक्षा विशेषज्ञों ने रविवार को कहा कि रूस यदि पाकिस्तान को जेएफ-17 लड़ाकू विमान में लगाने के लिए आरडी-93 इंजनों की आपूर्ति करता है, तो इससे भारत को लाभ होगा। उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा भारत सरकार की आलोचना को खारिज कर दिया।


मास्को स्थित प्रिमाकोव इंस्टीट्यूट में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में नई चुनौतियों पर अनुभाग के प्रमुख प्योत्र तोपीचकानोव ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यहां आलोचना उचित है। अगर रूस द्वारा जेएफ-17 के लिए इंजन उपलब्ध कराने की खबरें सही हैं, तो इससे भारत को वास्तव में दो तरह से लाभ होगा।



रूसी रक्षा विशेषज्ञ ने बताए फायदे

पहला, यह दर्शाता है कि चीन और पाकिस्तान अभी तक रूसी इंजन को बदलने में कामयाब नहीं हुए हैं। दूसरा, नया विमान भारत के लिए परिचित और अनुमानित होगा। खासकर इसलिए क्योंकि दोनों एक ही इंजन साझा करते हैं और भारत ने मई 2025 के संकट (ऑपरेशन सिंदूर) के दौरान जेएफ-17 का परिचालन देखा है।


तोपीचकानोव ने याद दिलाया कि चीन ने रूस से अपने एफसी-17 जेट के लिए अस्थायी उपाय के तौर पर आरडी-93 इंजन की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया था। हालांकि, पाकिस्तान को इसके हस्तांतरण की संभावना को देखते हुए प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह की तत्कालीन सरकारों द्वारा यह मुद्दा रूस के समक्ष उठाया गया था।



रूस ने दिया था भारत को भरोसा

हालांकि, नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर हुई बातचीत की धुंधली-सी याद है। मास्को ने नई दिल्ली को आश्वस्त किया था कि आरडी-93 सौदा बिना किसी तकनीकी हस्तांतरण के पूरी तरह से व्यावसायिक है, जबकि भारत को तकनीकी हस्तांतरण के तहत कहीं बेहतर आरडी-33 इंजन का लाइसेंस दिया गया है।
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